एसआईआर : उत्तर प्रदेश में 2.91 करोड़ मतदाताओं के काटे जा सकते हैं नाम

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सर्वाधिक 1.27 करोड़ मतदाता ऐसे, जो अपने पते सेहो चुके हैं स्थानांतरित

18.85 फीसदी मतदाताओं के गणना प्रपत्र वापस नहीं हुए

लखनऊ। यूपी में मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) में 2.91 करोड़ मतदाताओं के नाम काटे जा सकते हैं। जिसमें सर्वाधिक 1.27 करोड़ मतदाता ऐसे हैं जो अपने पते से स्थानांतरित हो चुके हैं । मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने इन्हें पांच श्रेणियों में बांटा है। यही कारण है कि चुनाव आयोग से दो हफ्ते का समय इन्हें सूची से बाहर करने से पहले सत्यापन के लिए मांगा गया है। प्रदेश की मतदाता सूची में 15.44 करोड़ मतदाता हैं। सभी मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित किए गए थे। जिसमें से 18.85 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र वापस नहीं हुए।

जांच की गई तो पता चला कि यह अलग-अलग कारणों से बीएलओ को ढूंढ़े नहीं मिल रहे। सबसे ज्यादा 8.22 प्रतिशत यानी 1.27 करोड़ मतदाता वर्ष 2003 की मतदाता सूची में जिस घर के पते पर थे, अब वहां नहीं हैं । यह वहां से स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं। वहीं 5.59 प्रतिशत यानी 84.73 लाख मतदाता
अनुपस्थित मिले हैं। तीन प्रतिशत यानी 46 लाख मतदाता मृतक पाए गए हैं और 23.70 लाख डुप्लीकेट मतदाता पाए गए हैं।

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डुप्लीकेट मतदाता वह हैं, जिनके दो-दो बार मतदाता सूची में नाम हैं। 9.57 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिन्हें अन्य की श्रेणी में रखा गया है । जिन्होंने फॉर्म तो लिया लेकिनविभिन्न कारणों से जमा नहीं किया। अब 1.62 लाख बीएलओ और राजनीतिक दलों के 5.25 लाख बीएलए को इन 2.91 करोड़ मतदाताओं को ढूंढ़ने का कार्य किया जाएगा।

सीईओ नवदीप रिणवा का कहना है कि शुद्ध मतदाता सूची तैयार करने के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। यूपी में हजारों की संख्या में
ऐसे लोग हैं जो विदेश में नौकरी, नए मतदाता जोड़ने को अभियान व्यापार या फिर पढ़ाई सहित विभिन्न कारणों से रह रहे हैं लेकिन मतदाता सूची में मात्र 1553 प्रवासी मतदाता ही दर्ज हैं।ऐसे में अब बूथ स्तर पर ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनसे फॉर्म- 6- ए भरवाया जाएगा। प्रवासी मतदाताओं को मतदाता कार्ड जारी नहीं किया जाता। उनका नाम मतदाता सूची में रहता है और वह वीजा और पासपोर्ट दिखाकर वोटिंग करते हैं ।

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दो हफ्ते का जो समय चुनाव आयोग से मांगा गया है, उसमें ऐसे मतदाता जिनका नाम वर्तमान मतदाता सूची जो कि 27 अक्तूबर 2025 तक की है और उसमें उनका नाम नहीं है अब उन्हें जोड़ा जाएगा। एसआईआर के साथ अब फॉर्म-6 भरवा कर नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा। ऐसे युवा जो एक जनवरी 2026 को 18 वर्ष के पूरे होंगे, वह इसमें फॉर्म भरेंगे व इनके साथ छूटे मतदाता भी फॉर्म भर सकेंगे। 76 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाता सूची की मैपिंग का कार्य किया जा रहा है।

अभी तक 76 प्रतिशत मतदाता ऐसे मिल चुके हैं, जिनका खुद का नाम, माता या पिता का नाम, बाबा-दादी या फिर नाना-नानी के नाम से ढूंढ़ लिया गया है। अब इसे 90 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। जिससे सिर्फ 10 प्रतिशत मतदाताओं को ही नोटिस जारी कर उनसे मतदाता बनने के लिए साक्ष्य मांगे जाएं। में रहने के बावजूद सामान्य मतदाता इन्हें चिह्नित कर वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा । तमाम ऐसे लोग भी हैं जो विदेश के रूप में सूची में शामिल हैं।

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